दीवाड़ पण्डुम (दियारी तिहार ) माड़का राज देव, कामालूर
दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा क्षेत्र में दीवाड़ पण्डुम या दियारी तिहार के अवसर पर विभिन्न आँगा देव देवस्थानों पर विशेष विधान संपन्न किया जाता है।प्रस्तुत तस्वीर माड़का राज देव, कामालूर ग्राम का है जो बारसा समुदाय के लोगों का ईष्ट देव है। दियारी तिहार में प्रातः देव स्नान, पूजन विधान एवं नई फसल के रुप में धान, कुम्हड़ा, सेमी आदि अर्पित करने के बाद विशेष विधान संपन्न किया जाता है।
समुदाय का कोई एक व्यक्ति आँगा देव को कंधे पर लेकर खड़े हों जाता है तथा सेवादार के द्वारा आगे का विधान प्रारम्भ किया जाता है। समुदाय के किसी सदस्य के घर में समस्या होने पर देव के सेवादार अथवा मुखिया के द्वारा कारण बोला जाता है, जिस कारण पर देव स्वतः झुक जाता है, तब ऐसा माना जाता है कि इस कारण से समस्या हों रही है एवं उसका निराकरण किया जाता है। इसी प्रकार किसी शुभ कार्य हेतु निवेदन करने पर जब देव झुक जाता है तब मान लिया जाता है कि कार्य संपन्न होगा।
मड़का राज देव का निवास स्थान कामालूर है, जहाँ देव गुड़ी में यह विधान संपन्न होता है। बारसा समुदाय दंतेवाड़ा जिले में मुख्य रुप से मटेनार, गमावाड़ा, मोलसनार, कामालूर, कुपेर, गोंदपाल, चितालंका सुकमा जिले में कुन्ना, बारसेरास तथा बीजापुर जिला में मुरतोंडा ग्राम में निवासरत है।
लेख एवम चित्र साभार श्री अक्षय बघेल, शासकीय दंतेश्वरी स्नातकोत्तर महाविद्यालय दंतेवाड़ा





