बस्तर का प्रसिद्ध गुडिया खाजा....!
बस्तर के हाट बाजार आदिम संस्कृति के साथ साथ यहां की खानपान संस्कृति को देखने समझने का महत्वपूर्ण जरिया है। हाट बाजारों में यहां पर स्थानीय मिठाईयों एवं व्यंजनों की दुकाने भी सजती है। कुछ लोग वहीं बनाकर बेचते है तो कुछ घर से बनाकर लाते है।
बाजारों में इन व्यंजनों की काफी डिमांड रहती है जिसके कारण ये हाथों हाथ बिक जाते है। बाजारो में आप अरसा, चापा लाड़ू, गुलगुलियां, चापड़ा चटनी जैसे कई व्यंजनों को बेचती हुई महिलायें दिखाई देती है। इनमें से एक व्यंजन है गुडिया खाजा।
बस्तर में पारंपरिक व्यंजनों में गुडियाखाजा काफी लोकप्रिय है। इस मिठाई को स्थानीय बोली मे गुड़िया खाजा कहा जाता है। हलवाई जदुराम ठाकुर ने बताया कि इसे बनाने के लिए सबसे पहले गुड़ को पानी के साथ उबाला जाता है।
फिर चावल आटा का मिश्रण कर इसे सफेद होते तक हाथ से खीचा जाता है। फिर चकरी बनाकर धूप मे सुखा देते है। सूखने के बाद यह बनकर तैयार हो जाता है। इसे चिवड़ा के साथ खाया जा सकता है। यह मिठाई सेहत के लिए भी लाभदायक माना जाता है।
फोटो सौजन्य - हेमंत बस्तरिया जी।




