छत्तीसगढ़ का एकमात्र नारियल विकास बोर्ड--कोपाबेड़ा कोंडागाँव....!
कोंडागाँव से दक्षिण-पश्चिम दिशा में कोपाबेड़ा स्थित है,जो ऐतिहासिक शिवमंदिर के लिए तो प्रसिद्ध है ही साथ ही यहाँ स्थित नारियल विकास बोर्ड छत्तीसगढ़ प्रदेश का इकलौता नारियल विकास बोर्ड है.
छत्तीसगढ़ के अलावा मध्य प्रदेश,और झारखंड राज्य के लिए नारियल की आपूर्ति यहीं से होती है.यहाँ 100 एकड़ के बगीचे में कुल 6000 नारियल के पेड़ लगे हैं.जिनके तनों पर काली मिर्च की की फलियाँ लटक रही हैं.
यहाँ 100 पौधेे कॉफी के हैं,जिनमें लाल-गुलाबी कॉफी के फल लटक रहे हैं.कुछ कामगार कॉफी के बीज धोते हुए दिखे.यहाँ 3000 पौधे कोको के हैं,यह कैडबरी चॉकलेट बनाने नें प्रयुक्त होता है.अनानास के भी 3000 पौधे हैं.
यहाँ नारियल-अनानास के पौध भी तैयार किए जाते हैं.पौधों के लिए ग्रीन हाउस बने हुए हैं.तेजपत्ते,नींबू,सिंदूर जैसे और भी कई पौधे हैं.यहाँ आपको केवल नारियल और नारियल के पौधे ही मिल सकते हैं.बड़ा ही सुन्दर बगीचा है.इस बगीचे के बीच से पक्की सड़क जाती है.
बगीचे के पीछे नारंगी नदी पत्थरों से टकराती हुई बहती है.यह जगह खड़क घाट कहलाता है,जोकि स्थानीय लोगों के लिए एक सुन्दर पिकनिक स्पॉट भी है.आजकल हल्के अँधेरे में नारियल के पेड़ों के बीच से छनकर आती सूरज की किरणें मन को मोह लेती है.
यहाँ के रंग-बिरंगे फूल खासकर सिंदूर,राइमुनिया और कागज़ के फूल तो आपसे बात ही करने लगेंगे.कोपाबेड़ा नारियल विकास बोर्ड कभी जरूर जाइएगा...
अशोक कुमार नेताम

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