खाद्य पदार्थ सुखाने का पात्र - सलप....!
बस्तर के गाँवो मे सभी प्रकार के साग भाजी, माँस आदि सुखाकर बाद मे खाने की परम्परा रही हैं. उपरोक्त सभी खाद्य चीजे सुखाने के लिये बांस की पतली खपचियो से बने आयताकार सलप का प्रयोग किया जाता है.
प्राय खाद्य वस्तुये सुखाने का कारण भविष्य मे खासकर बरसात के दिनों मे खाने का प्रबंध करना होता है. सलप बस्तर की घरेलू काष्ठ कला का उदाहरण है. इसमे बांस की पतली सीको को रस्सी से बुनकर आयताकार स्वरुप दिया जाता है. फ़िर उसे चार कोनो से रस्सी बांध कर घर आंगन के किसी खूटी मे लटका दिया जाता है.
धुप मे सुखाने के अलावा सलप को चुल्हे के उपर लटकाया जाता है ताकि उस पर रखे खाद्य को अग्नि की धीमी आंच मिलती रहे.सलप मे सब्जी, फ़ूटु, मछली आदि हर वो सब्जी या मांस जो खाया जाता है .उसे सलप पर ही सुखाया जाता है. बस्तर मे प्रायः हर घर मे सलप का उपयोग देखने को मिलता हैं.
अबुझमाड के गुफ़ा गाँव मे एक ग्रामीण के घर इस सलप मे फ़िलहाल तो नदी से पकड़ी गयी मछलियाँ काट कर सुखायी गयी...


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