बस्तर मे लूप्त प्रायः है नारंगी सेमल.....!
बस्तर मे बसंत की बयार धीमे धीमे बह रही है। जंगलो में पत्तो की सरसाहट पतझड़ का बिगुल बजा रही है। चारो तरफ फैली महुए की मादकता रोम रोम को रोमांचित करने वाली है। टेसू के लाल दहकते फूलो ने जंगल में आग लगा दी है तो फिर भला सेमल क्यो पीछे रहे ? गुलाबी फूलो से लदे हुए सेमल के वृक्ष राहगीरो को हर्षित करे रहे है। पत्ते विहिन सेमल पेड़ो पर खिले हुए गुलाबी पुष्प बसंत ऋतु की खुशियों में चार चांद लगा रहे है।
बसंत .ऋतु में फूलो का राजा यदि कोई है तो वह सेमल है। बस्तर में मुख्यतः दो रंगो के पुष्पों वाले सेमल पाये जाते है पहला है नारंगी और दुसरा गुलाबी। सेमल का एक तीसरा और प्रकार है वह पीला सेमल। बस्तर में अभी सर्वाधिक मात्रा में गुलाबी सेमल के वृक्ष बहुतायत मे देखने को मिलते है। नारंगी सेमल के वृक्ष बहुत कम शेष है।
नारंगी सेमल का एक वृक्ष दलपत सागर के किनारे स्थित है, वहीं कुछ वृक्ष गंगालूर के आसपास है। नारंगी सेमल पुष्प का रंग संतरे की तरफ नारंगी होता है। वृक्षों की अंधाधूंध कटाई के कारण यह नारंगी सेमल वृक्ष अब बस्तर में लूप्त प्रायः है। पीले रंग वाले सेमल पुष्प तो बस्तर में अभी तक देखने को नहीं मिला है।


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