22 जुलाई 2019

मन्द मन्द बनती है मंद


मन्द मन्द बनती है मंद.....!

बस्तर मे महुआ की शराब को मंद कहा जाता है. मन्द मन्द जो बने वो है मंद. मंद पीने वाला मन्दहा कहलाता है. मंद का असर भी काफ़ी मन्द मन्द उतरता है. 

एक बार मंद पीने से मन्द हो चुकी जीवन की गाड़ी तेज हो जाती है. मंद बनाने की प्रक्रिया भी काफ़ी मन्द गति से चलती है.मंद बनाने के लिए सबसे पहले महुए को धुप मे सुखाया जाता है. सुखाकर महुए को एकत्रित कर लिया जाता है, महुए को फ़िर 4-5 दिन तक इसे फ़र्मनटेशन के लिए रखा जाता है...फिर तैयार महुवे का आसवन किया जाता है...

हंडी से निकली मंद की बुन्दे एक छिद्र से निकलकर दुसरे पात्र मे टपक कर एकत्रित होने लगती हैं. यही महुए की शराब है. इसे बनाने मे लकड़ी की काफ़ी खपत होती है. इस शराब का उपयोग घर मे पीने और बेचने के लिये भी किया जाता है.