सुकमा की माँ रामारामिन चिटमिटीन अम्मा देवी..!
बस्तर के सुकमा जिले मे सुकमा के पास ही रामाराम मे चिटमिटीन अम्मा देवी का प्राचीन मंदिर स्थित है. इस क्षेत्र के लोगो मे देवी के प्रति गहरी आस्था है जिस कारण रामा राम सुकमा का बेहद मह्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल है.
रामाराम मे लोगो के मध्य सदियो से यह मान्यता स्थापित है कि त्रेतायुग में भगवान श्रीराम अपने वनवास काल के दौरान दक्षिण की ओर बढ़ने के दौरान रामाराम पहुँचे थे, वर्तमान में यहाँ मंदिर है यही पर श्री राम ने भू-देवी की आराधना की थी।
श्रीराम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास, नई दिल्ली द्वारा श्रीराम वनगमन स्थल के रूप में रामाराम को सालों पहले चिन्ह्ति कर दिया था.
छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम अपने वनगमन के वक्त कुटुमसर से सुकमा होते हुए शबरी नदी के तट पर स्थित रामाराम पहुंचे, आज यह स्थल माँ रामारामीन चिट्मिटिन अम्मा देवी मंदिर से क्षेत्र के तौर पर प्रसिद्ध है।
बीते 700 सालों से यहां मेले का आयोजन होता आ रहा है.सुकमा जमीदार परिवार रियासत काल से यहां देवी-देवताओं की पूजा करता आ रहा है.रामारामिन देवी सुकमा जमीदारो की ईश्ट देवी है. यहां पर प्रतिवर्ष फरवरी माह में भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें क्षेत्र के श्रद्धालु मंदिर पहुंचकर माता के दर्शन करते है.
सुकमा जिले में लगने वाला यह पहला और सबसे बडा मेला होता है। इसके बाद पूरे क्षेत्र में मेले का दौर प्रारंभ होता है।

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