20 मई 2019

बस्तर में बेटे की तरह माना जाता है रखिया कुम्हड़ा को

बस्तर में बेटे की तरह माना जाता है रखिया कुम्हड़ा को....!

आप सभी कुम्हड़ा से जरूर परिचित होंगे। सामाजिक कार्यक्रमों में आपने कुम्हड़े की सब्जी तो जरूर खाई होगी। वैसे कुम्हड़ा के कई प्रकार है जिनमें रखिया कुम्हड़ा प्रमुख है। कुम्हड़े के उपर राख की तरह परत चढ़ी होने के कारण उसे रखिया कुम्हड़ा कहा जाता है।
कुम्हड़ा के बारे में लोगों में कई तरह की भ्रांतियां प्रचलित है। बस्तर में भी कुम्हड़े को लेकर कई तरह की मान्यतायें प्रचलित है। बस्तर में कुम्हड़े को बेहद ही सम्मानजनक स्थान दिया गया है। यहां की महिलायें रखिया कुम्हड़े को अपना बड़ा बेटा मानकर इसे काटने से बचती है। रखिया कुम्हड़ा काटना मतलब अपने बच्चे की बलि देना माना जाता है। इसलिये महिलायें कुम्हड़े को पुरूष से दो हिस्सों में कटवाती है उसके बाद ही उसे छोटे छोटे टूकड़ो में काटती है।

जब कुम्हड़े की सब्जी बनाई जाती है तो हमेशा मिल बांट कर ही खाई जाती है। प्रायः हर ग्रामीण , बाड़ी में कुम्हड़े की सब्जी जरूर लगाता है। मंदिरों में प्रतीकात्मक तौर पर कुम्हड़े की ही बलि दी जाती है। अपनी इन्ही विशेषताओं के कारण प्रतिवर्ष 29 सितम्बर को विश्व कुम्हड़ा दिवस भी मनाया जाता है। कुम्हड़ा की और क्या क्या विशेषताये है ? आप भी जरुर शेयर करे...!
फोटो.. शकील रिजवी भैया जी के सौजन्य से...!

2 comments:

injamaven ने कहा…

What are those white pumpkins?

Om Soni ने कहा…

Peoples of Bastar behave pumpkins as their sons so women not cuts pumpkin