झुलन दरहा मे झुलता पानी...!
काँगेर घाटी वन सम्पदा एवं दुर्लभ जीव जन्तुओ से तो बेहद सम्पन्न है. इसके साथ ही काँगेर घाटी अपने अंदर झरनो की अनदेखी खूबसूरती को भी छिपाये हुए हैं. काँगेर घाटी के घने जंगलो मे आज भी कई ऐसे छोटे मोटे झरने है जिसकी जानकारी आज भी बेहद कम लोगों को है.
काँगेर घाटी मे ऐसा ही एक झरना है झुलन दरहा. हाल ही में यह झरना आम पर्यटको के सामने आया है.झुल झुल कर दरहे मे गिरता यह झरना बेहद ही खूबसूरत स्थल है. तीरथगढ की तरह सीढीदार पत्थरो से गिरती कल कल ध्वनि प्रकृति की स्वर लहरियो के साथ अद्भुत ताल मेल बनाती है.
झुला झुले पानी ऐसा अहसास इस झरने की अनोखी खासियत है.माँडू का हिन्डोला महल और काँगेर घाटी का झुलन दरहा दोनों ही तन मन मे झुला झुलने का अनुभव कराते है.
यह झुलन दरहा बेहतरीन पर्यटन स्थल है एवं परिवार सहित वन भ्रमण कार्यक्रम के लिये आदर्श स्थल है.
ओम...!
शानदार छायाचित्र के लिए मुन्ना बघेल जी का बहुत आभार...!

0 comments:
एक टिप्पणी भेजें