पालनार की पेंटिंग में दंतेवाड़ा पर्यटन का निमंत्रण.....!
दंतेवाड़ा के कुआंकोंडा विकासखंड में पालनार नामक छोटा सा ग्राम स्थित है। इस गांव की आवासीय संस्था की चारदीवारी पर दंतेवाड़ा जिले की कला संस्कृति और पर्यटन स्थलों को बेहद खूबसूरत तरीके से उकेरा गया है। हालांकि कलाकार का नाम तो ज्ञात नही किन्तु उसने जिसने कुशलता के साथ चित्रकारी की है जिससे ये सारे चित्र जीवंत प्रतीत होते है।
चित्रों का आकार और उचित रंगों का प्रयोग बेहद ही प्रशंसनीय है। ये चित्र दंतेवाड़ा कला संस्कृति को दिखाने के साथ साथ पर्यटन को भी प्रोत्साहित करते है। चित्रकारी इतनी मनमोहक और जीवंत है कि, कोई भी फोटोग्राफर इन कलाकृतियों को अपने कैमरे में कैद करने से रोक ही नहीं सकता है।
उकेरे गये चित्र अपने आप में अपनी पुरी कहानी कह देते है। स्थानीय संस्कृति और रोजमर्रा के क्रियाकलापों को बहुत जानदार तरीके से चित्रण किया गया है। नाव में खड़े होकर महिला द्वारा पक्षियों को दाना चुगाना एक नयी प्रकार संस्कृति को दिखाता है।
नाव में खड़ा मल्लाह जाल फैलाकर मछली पकड़ रहा है तो खेत मेें छतोड़ी पहनकर घुमता किसान काफी आकर्षक लग रहा है। बैलगाड़ी के पीछे जाती महिला का दृश्य तो रोज देखने को मिलता है। अंधेरे में दीपक जलाती हुई महिला अंधकार से रोशनी की ओर जाने का संदेश देती है।
जंगल में भ्रमण के बाद तालाब के पानी से प्यास बुझाते बालक का दृश्य आज की हकीकत है। विद्यालय में पढ़ते बच्चे, और लाईब्रेरी में पुस्तके खोजती बालिका का दृश्य दंतेवाड़ा में पढ़ने की जागरूकता को दर्शाता है।
आराध्यदेवी मां दंतेश्वरी के आर्शीवाद के साथ बारसूर दंतेवाड़ा , फूलपाड़, चित्रकोट को बहुत शानदार तरीके से चित्रित किया गया है। ढोलकल में परशुराम और भगवान गणेशजी के पौराणिक तथ्यों को भी चित्र के माध्यम से कहने का प्रयास किया गया है।
आखिरी में बालक द्वारा फोटोग्राफी का दृश्य आप सभी को निमंत्रण देता है कि आईये 2020 में देखिये दंतेवाड़ा की कला संस्कृति और पर्यटन स्थलों को और कैद कीजिये उन स्वर्णिम दृश्यो को अपने कैमरे में।
साथ ही साथ बेहद खूबसूरत एवं जीवंत चित्रकारी के लिये उस कलाकार को बहुत बहुत साधुवाद।
ओम !
इस लिंक द्वारा आप पुरे चित्र देख सकते है पालनार की पेंटिंग



























