21 मई 2020

बस्तर : जहां दूल्हा पक्ष याचक की भूमिका में दिखता है

बस्तर : जहां दूल्हा पक्ष याचक की भूमिका में दिखता है..!
यह बस्तर की अनेक खासियतों में एक है, जहां वर यानी दूल्हा पक्ष वधु पक्ष के सामने याचक बनकर जाता है। माहला यानी सगाई की रस्म में गुड़-चिवड़ा(पोहा) पूरे समाज के सामने रखकर वधु का हाथ मांगा जाता है। झुककर प्रणाम कर रिश्ता स्वीकारने की याचना की जाती है। इस प्रथा का सबसे उजला पक्ष यह है कि इसमें दहेज दानव और वर पक्ष के नखरों के लिए कोई जगह नहीं होती है
यही नहीं, शादी में वधु पक्ष की तरफ का अधिकांश खर्च भी वर पक्ष को वहन करना पड़ता है, जिसे शादी का जोड़ा कहते हैं। यहां आदिकाल से निवासरत कुछ समाजों में यह परंपरा अब भी बदस्तूर जारी है। समय के साथ आंशिक बदलाव यह हुआ है कि घर में मूसल या ढेंकी से कूटे गए चिवड़ा की जगह दुकान में मिलने वाले रेडीमेड पोहा ने ले ली है। साथ ही कुछ मिठाई व नमकीन भी शामिल हो गए हैं, लेकिन सगाई की रस्म गुड़-चिवड़ा की मिठास के बगैर पूरी नहीं होती है।हां, एक बात और.. वधु पक्ष ने चिवड़ा स्वीकार लिया तो रिश्ता पक्का। अगर बाद में रिश्ता नहीं जमा तो शादी से पहले वधु पक्ष के पास गुड़-चिवड़ा लौटाने का वीटो पावर भी होता है। (आलेख साभार रू शैलेन्द्र ठाकुर, दन्तेवाड़ा)
(टीप: यह तस्वीर 2 साल पुरानी है। वर्तमान लॉक डाउन अवधि की नहीं है।)
हमे आप instagram मे हो तो @bastar_bhushan मे follow कर सकते हैं!